मेहरानगढ़ किला राजस्थान के जोधपुर स्थित है। 1459 में राव जोधा ने इसका निर्माण करवाया यह किला 1200 एकड़ में फैला हुआ है. और यह किला चट्टानी पहाड़ी पर स्थित है. जो आसपास के मैदान से 400 फीट ऊपर है इस किले पर राठौर राजवंश का शासक था लगभग 500 साल से अधिक राठौर राजवंश का मुख्यालय रहा और इस किले की बनावट राजपूती रीति रिवाज से प्रेरित है। इसको राजस्थान की सूर्य नगरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसको देखने से सूर्य जैसा दिखता है इस महल को किले बंद किया गया यह किला विशाल आकार में बना हुआ है।
आरंभिक इतिहास ;-
- इस किले को राव जोड़ने अपनी राजधानी मंडोर किले से जोधपुर स्थानांतरित किया सन 1459 ई में इस किले की नींव रखी।
- 1700 तक यह किला कई शासको के अधीन रहा । और उन शासक अपने समय में परिवर्तन करते रहे करते रहे ।जिसमें महाराजा जसवंत सिंह और राव मालादेव भी शामिल है ।
- इस किले की ऊंची दीवारों और साथ प्रवेश द्वार जो आक्रमणकारियों से बचने के लिए बनाए थे। इसमें से सबसे प्रसिद्ध है। जयपोल जिस पर 1730 में मुगलों के साथ हुए युद्ध के निशान आज भी देखे जा सकते हैं।
शाही वैभव तथा कला ;-
- किले में कई शानदार महल है जो शिल्प कला और राजपूत वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण है
- फूल महल शीश महल और मोती महल अपनी ऐतिहासिक महत्व और कलात्मक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है
- इन महलों को जाति एल चित्रकार और नक्काशीदार संगमरमर और सुंदर झरोखों से सजाया गया है
- यह किला उस समय का शाही जीवन शैली की झलक देते हैं जो पहले कभी यहां हुआ करती थी
वीरता और युद्ध ;-
- यह किला मेहरानगढ़ कई ऐतिहासिक लड़ाइयां लड़ चुका है जिसमें मुगलों के साथ युद्ध सबसे उल्लेखनीय है।
- इस किले से रानी चंपावती की वीरता की गाथा जुड़ी हुई है।
- किले में ''छतियो का चौक'' उन 31 रानियां की समाधि है। जो अपने पति मानसिंह के जोहार के साथ सती हो गई थी।
1947 के बाद मेहरानगढ़ ;-
- भारत के आजाद होने के बाद मेहरानगढ़ किले को संग्रहालय में बदल दिया. इस समय जोधपुर की सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थान में से एक है।
- किले के संग्रहालय में राजपूत इतिहास हथियार वस्त्र और चित्रों का एक विशाल संग्रह है. ये प्रदर्शन आई हमें उसे समय के रहन-सहन संस्कृति की जानकारी प्रदान करती है।
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